नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था गति पकड़ रहा है, जिससे भारत सरकार के बुनियादी सिद्धांतों और सुधारों को प्रतिबिंबित किया जा रहा है। वह बजट के बाद बोल रहे थे वेबिनार ‘विकास और आकांक्षात्मक अर्थव्यवस्था के लिए वित्त पोषण’ पर।
उन्होंने वित्तीय संस्थानों से अर्थव्यवस्था की उभरती जरूरतों को पूरा करने के लिए नवोन्मेषी और भविष्य के वित्तपोषण के साथ-साथ जोखिम प्रबंधन विचारों के साथ आने के लिए कहा।
यह कहते हुए कि 2070 तक शुद्ध-शून्य कार्बन उत्सर्जन लक्ष्य को पूरा करने के लिए हरित वित्तपोषण का कार्यान्वयन ‘समय की आवश्यकता’ है, मोदी कहा कि पर्यावरण के अनुकूल परियोजनाओं को वित्तीय मदद दी जानी चाहिए।
पीएम मोदी ने कहा, “हमारे वित्त पोषण क्षेत्र को नए भविष्य के विचारों, पहलों पर गौर करना होगा और अभिनव वित्तपोषण और स्थायी जोखिम प्रबंधन विचारों के बारे में सोचना होगा।”
पीएम मोदी ने मंगलवार को ग्रामीण भारत के लिए डिजिटल राजमार्गों के निर्माण, ग्रामीण जरूरतों के अनुरूप वित्तीय समावेशन उत्पादों को तैयार करने के महत्व को रेखांकित किया।
उन्होंने 8-10 क्षेत्रों की पहचान करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया, जिसमें भारत विश्व स्तर पर शीर्ष तीन में शामिल हो सकता है और वित्तीय संस्थानों से ऋण सहायता का विस्तार करने के लिए कहा। प्रधान मंत्री ने यह भी कहा, “हमने ड्रोन, अंतरिक्ष और भू-स्थानिक क्षेत्रों को खोला है। इसने हमारे युवाओं के लिए बड़ी संभावनाएं खोली हैं। हमें ऐसे क्षेत्रों में भारत को दुनिया के शीर्ष तीन देशों में ले जाने की दिशा में काम करना चाहिए।”
मोदी ने नौकरशाहों को 2022-23 को लागू करने के लिए ‘कार्रवाई योग्य समाधान’ लाने के लिए भी कहा केंद्रीय बजट प्रस्ताव
उन्होंने कहा कि देश स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे में भारी निवेश कर रहा है और बैंकों से इस क्षेत्र को ऋण को प्राथमिकता देने की संभावना पर गौर करने को कहा।
उन्होंने कहा कि अगर बैंक निर्यातकों को प्राथमिकता के आधार पर फंडिंग देते हैं, तो यह उन्हें मजबूत बनाएगा और आत्मनिर्भर भारत कार्यक्रम में मदद करेगा।
उन्होंने कहा कि हमें यह सुनिश्चित करने के लिए सक्रिय रहना होगा कि केंद्रीय बजट 2022-23 समय पर लागू हो।
(एजेंसी इनपुट के साथ)
उन्होंने वित्तीय संस्थानों से अर्थव्यवस्था की उभरती जरूरतों को पूरा करने के लिए नवोन्मेषी और भविष्य के वित्तपोषण के साथ-साथ जोखिम प्रबंधन विचारों के साथ आने के लिए कहा।
यह कहते हुए कि 2070 तक शुद्ध-शून्य कार्बन उत्सर्जन लक्ष्य को पूरा करने के लिए हरित वित्तपोषण का कार्यान्वयन ‘समय की आवश्यकता’ है, मोदी कहा कि पर्यावरण के अनुकूल परियोजनाओं को वित्तीय मदद दी जानी चाहिए।
पीएम मोदी ने कहा, “हमारे वित्त पोषण क्षेत्र को नए भविष्य के विचारों, पहलों पर गौर करना होगा और अभिनव वित्तपोषण और स्थायी जोखिम प्रबंधन विचारों के बारे में सोचना होगा।”
पीएम मोदी ने मंगलवार को ग्रामीण भारत के लिए डिजिटल राजमार्गों के निर्माण, ग्रामीण जरूरतों के अनुरूप वित्तीय समावेशन उत्पादों को तैयार करने के महत्व को रेखांकित किया।
उन्होंने 8-10 क्षेत्रों की पहचान करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया, जिसमें भारत विश्व स्तर पर शीर्ष तीन में शामिल हो सकता है और वित्तीय संस्थानों से ऋण सहायता का विस्तार करने के लिए कहा। प्रधान मंत्री ने यह भी कहा, “हमने ड्रोन, अंतरिक्ष और भू-स्थानिक क्षेत्रों को खोला है। इसने हमारे युवाओं के लिए बड़ी संभावनाएं खोली हैं। हमें ऐसे क्षेत्रों में भारत को दुनिया के शीर्ष तीन देशों में ले जाने की दिशा में काम करना चाहिए।”
मोदी ने नौकरशाहों को 2022-23 को लागू करने के लिए ‘कार्रवाई योग्य समाधान’ लाने के लिए भी कहा केंद्रीय बजट प्रस्ताव
उन्होंने कहा कि देश स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे में भारी निवेश कर रहा है और बैंकों से इस क्षेत्र को ऋण को प्राथमिकता देने की संभावना पर गौर करने को कहा।
उन्होंने कहा कि अगर बैंक निर्यातकों को प्राथमिकता के आधार पर फंडिंग देते हैं, तो यह उन्हें मजबूत बनाएगा और आत्मनिर्भर भारत कार्यक्रम में मदद करेगा।
उन्होंने कहा कि हमें यह सुनिश्चित करने के लिए सक्रिय रहना होगा कि केंद्रीय बजट 2022-23 समय पर लागू हो।
(एजेंसी इनपुट के साथ)
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